Ayushmann Khurrana stresses how the youth of the country can fight back against violence !

Ayushmann Khurrana stresses how the youth of the country can fight back against violence !

Speaking on National youth Day Ayushmann feels ‘We will need young people to join forces in putting an end to violence’ 

Youth icon and Bollywood star Ayushmann Khurrana is a thought leader who is aiming to bring constructive, positive changes in society with his progressive, conversation starting entertainers. Ayushmann, voted as one of the most influential people of the world by TIME Magazine, has been recently appointed as UNICEF’s Celebrity Advocate for their global campaign EVAC (Ending Violence Against Children). On National Youth Day, Ayushmann stresses how the youth of the country can fight back against any kind of violence on them.
“Only when young people come together with a common understanding and join forces in putting an end to violence against children, can we hope for some substantial changes. Influencing peer groups to recognise violence in its many forms is something the young people can do very effectively,” says Ayushmann.
The versatile actor adds, “From small actions like calling out a friend who is harassing a girl on the street or reaching out/calling helpline to report acts of violence against their peers that they come across in daily life, supporting the survivors in seeking help, or asking adults like parents, teachers and school authorities to listen to them are some concrete actions that young people can take to make a difference.”
Ayushmann also lays out his journey forward with UNICEF in 2021. “In 2021, UNICEF aims to build greater awareness, dialogue and public action on prevention of and response to violence against children. At the same time we need to continue to advocate for increased investment and attention to services and programmes that assist survivors of violence,” he says.
Ayushmann hopes that through his association with UNICEF, he will be able to help kids in need for urgent protection. He says, “Our goal is for every child to benefit from a loving, safe and supportive environment throughout their childhood and adolescence that will help them grow up strong and healthy – mentally and physically.”
He adds, “Violence against children is deeply pervasive in society and takes on many different forms such as bullying, sexual abuse, corporal punishment and violence online. Very often the perpetrators are people who children trust or are familiar with, including parents, family members, neighbours, and friends. Ending violence against children is everyone’s business and needs continuous efforts by each one of us.”
नेशनल यूथ डे के मौके पर आयुष्मान खुराना ने इस बात पर ज़ोर दिया कि देश के युवा किस तरह वायलेंस को ख़त्म कर सकते हैं। वह कहते हैं: ‘वायलेंस को ख़त्म करने के लिए सेना में युवाओं की भर्ती बेहद ज़रूरी है!’
यूथ-आइकन और बॉलीवुड स्टार आयुष्मान खुराना सही मायने में एक थॉट-लीडर हैं, जो अपनी प्रोग्रेसिव और सोशल मैसेज वाली एंटरटेनिंग फ़िल्मों के जरिए समाज में रचनात्मक, सकारात्मक बदलाव लाने का इरादा रखते हैं। टाइम मैगज़ीन ने आयुष्मान को दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक माना है, और हाल ही में यूनिसेफ ने उन्हें अपने ग्लोबल कैंपेन, EVAC (बच्चों के खिलाफ़ हिंसा का अंत) का सेलिब्रिटी एडवोकेट बनाया है। इस बार नेशनल यूथ डे के मौके पर, आयुष्मान ने बताया कि देश के युवा किस तरह वायलेंस को ख़त्म कर सकते हैं।
आयुष्मान कहते हैं, “जब इस मुद्दे पर देश के युवाओं की सोच एक जैसी होगी और वे बच्चों के खिलाफ़ हिंसा को ख़त्म करने के लिए सेना में शामिल होंगे, तभी हम देश में एक बड़े बदलाव की उम्मीद कर सकते हैं। सच कहूं तो देश के युवा ही अपने साथियों को अलग-अलग तरह के वायलेंस को पहचानने और अच्छी तरह समझने में मदद कर सकते हैं।”
वर्सेटाइल एक्टर कहते हैं, “सड़क पर किसी लड़की से छेड़छाड़ की स्थिति में अपने दोस्तों को मदद के लिए बुलाने, या अपने साथियों के खिलाफ़ हो रहे वायलेंस की रिपोर्ट करने के लिए हेल्पलाइन पर फ़ोन करने / शिकायत दर्ज कराने, मदद मांगने वाले लोगों की सहायता करने, या फिर पीड़ितों के माता-पिता, उनके शिक्षकों या स्कूल अथॉरिटी को उनकी बात सुनने के लिए राज़ी करने जैसे छोटे-छोटे कदम उठाकर हमारे देश के युवा एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं।”
आयुष्मान साल 2021 में यूनिसेफ के साथ अपनी इस मुहिम को जारी रखेंगे। वह कहते हैं, “यूनिसेफ ने साल 2021 में बच्चों के खिलाफ हिंसा के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने, इस मुद्दे को चर्चा का विषय बनाने के साथ-साथ इसकी रोकथाम एवं सार्वजनिक कार्रवाई को प्रोत्साहन देने का लक्ष्य रखा है। साथ ही हमें हिंसा से पीड़ित लोगों की मदद करने वाली संस्थाओं और कार्यक्रमों के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करते रहना चाहिए, और हर मुमकिन तरीके से उन्हें सहारा देना चाहिए।”
आयुष्मान को उम्मीद है कि यूनिसेफ के साथ मिलकर वह उन सभी बच्चों की मदद कर पाएंगे, जिन्हें तुरंत सुरक्षा की जरूरत है। वह कहते हैं, “हमने हर बच्चे को उनके बचपन और किशोरावस्था के दौरान प्यार भरे, सुरक्षित और बेहद मददगार माहौल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है, जिससे उनका तन और मन दोनों ही स्वस्थ और तंदुरुस्त होगा।”
वह आगे कहते हैं, “हमारे समाज में बच्चों के खिलाफ़ हिंसा हर तरफ फैली हुई है, जिसमें बुलीइंग, सेक्सुअल एब्यूज, मार-पीट और ऑनलाइन वायलेंस जैसे हिंसा के कई अलग-अलग रूप शामिल हैं। ज्यादातर मामलों में अपराधी ऐसे लोग होते हैं जिन पर बच्चे बहुत भरोसा करते हैं या जिन्हें अच्छी तरह जानते हैं, और ऐसे लोगों में पेरेंट्स, परिवार के सदस्य, पड़ोसी और दोस्त या रिश्तेदार भी शामिल होते हैं। बच्चों के खिलाफ़ हर तरह के वायलेंस को ख़त्म करना हम सभी की जिम्मेदारी है, और इसके लिए हम सभी को साथ मिलकर अपनी कोशिश जारी रखनी होगी।”
‘हिंसा नष्ट करण्यासाठी आपल्याकडील तरुणांनी पुढाकार घ्यायला हवा,’ राष्ट्रीय तरुण दिनानिमित्त आयुष्यमान खुरानाने सांगितले की देशातील तरुण कशाप्रकारे हिंसेच्या विरोधात लढू शकतात
युथ आयकॉन आणि बॉलिवुड स्टार आयुष्यमान खुराना एक वैचारिक नेतृत्वही आहे. आपल्या पुरोगामी आणि चर्चेला वाव देणाऱ्या मनोरंजक सिनेमांच्या माध्यमातून तो समाजात ठोस आणि सकारात्मक बदल आणू इच्छितो. आयुष्यमानला टाईम मॅगझिनतर्फे जगातील सर्वाधिक प्रभावशाली व्यक्तींच्या यादीत स्थान देण्यात आले आहे. शिवाय, युनिसेफने त्यांच्या ईव्हीएसी (एंडिंग व्हायलन्स अगेंस्ट चिल्ड्रन) या जागतिक मोहिमेचा सेलिब्रिटी अॅडव्होकेट म्हणून नेमले आहे. राष्ट्रीय तरुण दिनानिमित्त आयुष्यमानने मत मांडले आहे की देशातील तरुणांनीच त्यांच्यावर होणाऱ्या कोणत्याही प्रकारच्या अत्याचाराविरोधात आवाज उठवायला हवा.
“तरुण एका समान विचारधारेने एकत्र येतील आणि मुलांवर होणाऱ्या अत्याचाराविरोधात एकजुटीने लढतील तेव्हाच आपण काही ठोस बदल होण्याची अपेक्षा करू शकतो. विविध स्वरुपातील अत्याचार ओळखण्यास इतरांना साह्य करणे हे काम तरुण फार परिणामकारकरित्या करू शकतात,” असे आयुष्यमान म्हणाला.
हा बहुआयामी अभिनेता पुढे म्हणाला, “रस्त्यावर मुलीची छेड काढणाऱ्या मित्राला टोकणे किंवा दैनंदिन जीवनात आपल्यासोबतच्या इतर मुलांसोबत होणाऱ्या अत्याचाराची नोंद घेण्यासाठी हेल्पलाइनशी संपर्क साधणे, बाधितांना साह्य घेण्यात साथ देणे किंवा पालक, शिक्षक आणि शाळा प्रशासनासमोर आपले म्हणणे मांडणे अशा ठोस कृतीतून तरुण मुले बदल घडवू शकतात.”
आयुष्यमानने युनिसेफसोबतच्या 2021 मधील मार्गक्रमाणाची कल्पना दिली. “2021 मध्ये युनिसेफ मुलांवर होणाऱ्या अत्याचाराविरोधात प्रतिसाद आणि ते रोखणे या संदर्भात अधिक जागरुकता, चर्चा आणि सार्वजनिक कृती घडवण्यावर भर देणार आहे. त्याचवेळी या अत्याचारातून वाचलेल्यांना साह्य करण्यासाठीचे उपक्रम आणि सेवा यात अधिक गुंतवणूक व्हायला हवी, त्याकडे अधिक लक्ष द्यायला हवे,” असे तो म्हणाला.
युनिसेफसोबतच्या सहकार्यातून तो तातडीचे संरक्षण हवे असलेल्या मुलांना साह्य करू शकेल, अशी आशा आयुष्यमानला वाटते. तो म्हणाला, “आमचे लक्ष्य आहे प्रत्येक मुलाला प्रेमळ, सुरक्षित आणि साह्यकारी वातावरणाचे लाभ अगदी बालवयापासून तरुण हेण्यापर्यंत मिळावेत. त्यामुळे ही मुले मानसिक आणि शारीरिकरित्या आरोग्यदायी आणि खंबीर बनतील.”
तो पुढे म्हणाला, “मुलांविरोधातील अत्याचार समाजात फार खोलवर रुजले आहे. त्रास देणे, लैंगिक छळ, शारीरिक शिक्षा आणि ऑनलाइन त्रास अशा वेगवेगळ्या स्वरुपात हे अत्याचार होत असतात. बऱ्याचदा त्रास देणारी व्यक्ती मुलांच्या विश्वासातली किंवा ओळखीतीलच असते. यात पालक, कुटुंबातील इतर सदस्य, शेजारी आणि मित्रमंडळींचा समावेश असतो. मुलांविरोधातील अत्याचार थांबवणे ही प्रत्येकाची जबाबदारी आहे आणि आपल्यातील प्रत्येकाने त्यासाठी सातत्याने प्रयत्न करायला हवेत.”